रविवार 14 सितंबर 2025 - 10:18
मुसलमानों के लिए;क़ुरआन करीम हज़रत रसूल आल्लाह की सबसे महत्वपूर्ण विरासत है

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम यूसु्फ़ी ने कहा,क़ुरआन करीम पैग़ंबर इस्लाम (स.ल.व.) की सबसे महत्वपूर्ण विरासत है मुसलमानों के लिए और क़ुरआन के आदेशानुसार यह दोनों कभी अलग नहीं हो सकते, क्योंकि उनका अलगाव विनाश का कारण होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम यूसु्फ़ी ने कहा,क़ुरआन करीम पैग़ंबर इस्लाम (स.ल.व.) की सबसे महत्वपूर्ण विरासत है मुसलमानों के लिए और क़ुरआन के आदेशानुसार यह दोनों कभी अलग नहीं हो सकते, क्योंकि उनका अलगाव विनाश का कारण होगा।

क़ाज़वीन में हुसैनीया अमीनी हाउस में क़ुरआनी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बीच बैठक में उन्होंने कहा,क़ुरआन करीम पैग़ंबर इस्लाम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सबसे बड़ी विरासत है और क़ुरआन के अनुसार यह दोनों एक-दूसरे से अनिवार्य रूप से जुड़े हैं, उनका अलग होना विनाशकारी होगा।

हुज्जतुल इस्लाम यूसु्फ़ी ने ज़ोर दिया कि पैग़ंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने क़ुरआन और अत्रत को दो अनमोल और अलग न किए जा सकने वाले उपहार के रूप में पेश किया है। उन्होंने कहा,इस्लामिक दुनिया के कई दुख-दर्द और भटकाव इसी तथ्य से दूर रहने और क़ुरआन को अत्रत से अलग करने के प्रयास की वजह से पैदा हुए हैं।

उन्होंने आगे कहा,कामकाजी व्यस्तताओं और जीवन की सीमाओं के बावजूद क़ुरआनी गतिविधि करना एक पवित्र और महत्वपूर्ण कार्य है और निःसंदेह ये लोग क़ुरआन करीम के प्रकाश में व्यक्तिगत और सामाजिक क्षेत्रों में सफल होंगे।

क़ाज़वीन प्रांत में IRGC के वली फक़ीह प्रतिनिधि कार्यालय के प्रभारी ने कहा,कुछ जुड़वां बच्चों को सर्जरी से अलग किया जा सकता है और दोनों जीवित रह सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में उनका अलगाव दोनों के लिए मृत्यु समान होता है। क़ुरआन और अत्रत भी इसी श्रेणी में आते हैं और उनका अलग होना धर्म की मौत और विनाश के बराबर है।

उन्होंने कहा,इस्लाम की दुनिया की कई समस्याएं और दुख इसी अलगाव की वजह से हैं; तकफ़ीरी केवल क़ुरआन की सतह को पकड़कर और अत्रत को नकारकर बड़े अपराध करते हैं। इसके विपरीत, कुछ भटकाव वाली धाराएँ जैसे 'शीआ लंदन' क़ुरआन को कमज़ोर दिखाकर और अत्रत पर अत्यधिक ध्यान देकर और गलत रास्तों पर ले जाती हैं।

हुज्जतुल इस्लाम यूसु्फ़ी ने कहा,आज ईरान की इस्लामी गणराज्य और खासतौर पर IRGC और बसिज़, क़ुरआन और अत्रत के संयोजन पर भरोसा करके इस्लामी क्रांति को दुनिया के दूर-दूर तक पहुंचा पाए हैं और दुश्मनों के हमलों का सामना कर रहे हैं।

अंत में कहां,क़ाज़वीन में IRGC के वली फक़ीह प्रतिनिधि कार्यालय के प्रभारी ने कहा,अमीरुल मोमिनीन अली अ.स. के अनुसार, क़ुरआन दिलों का बसंत है, जैसे बसंत प्रकृति और दुनिया में तरावट और खिलावट लाता है, उसी तरह क़ुरआन का पाठ और ध्यान मनुष्य में जीवंतता और तरावट पैदा करता है।

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